पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्नदाता..! पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्...
हरे भरे खेत और गाँव के मिट्टी को जैसे चूम कर आया हूँ। हरे भरे खेत और गाँव के मिट्टी को जैसे चूम कर आया हूँ।
पेड़ हँसकर बोला ये मेरा फ़र्ज़ है तुमको सब देना पेड़ हँसकर बोला ये मेरा फ़र्ज़ है तुमको सब देना
महक जाते हैं ,सारे अरमान, कलियों में जब खिलते हैं . महक जाते हैं ,सारे अरमान, कलियों में जब खिलते हैं .
हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!! हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!!
खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है